अगर तुम दोस्ती के लिए भी
गहरी आँखों की शर्त रखो
तो ये समझे रहना
बहुत सीढ़ियाँ उतर तुम पहुँचोगे
उसके घर तक
फिर वहाँ आकर
ऐसी कोई बेवकूफ़ाना हरकत मत कर देना
“लाईट औन कर दें क्या?”
या “तुमने अँधेरा क्यों कर रखा है?”
बैठे रहना जैसे पूरी दुनिया में यही होता आया है
और जैसे तुम समझते हो कि अँधेरे में ही
लोग एक-दूसरे से बात करना सीखते हैं
फिर ये मत कहना, “कहीं बाहर चलें?”
भात और जल्दी में गरम पानी डाल बढ़ाई गई
पनसोर आलू की सब्ज़ी खा लेना
और सो जाना
घड़ी से मत गिनना सुबह होने तक के घंटे
जब वो वापस सीढ़ियाँ चढ़ ऊपर जाने लगे
तुम हल्के से दरवाज़ा लगा
No comments:
Post a Comment