Monday 6 May 2019

सामग्री

एक उदास कहानी मुझसे छेड़े गए सभी अभियान भुलवा सकती है
हींग के छौँक की महक मुझे कृतज्ञ आँसू रुलवा सकती है
पिछ्ले खोए के लौटने की उम्मीद जगा
मौसम से लड़ कर खिला एक फूल हाथ पकड़ मुझे उठा सकता है
बंद जाली के कोने से घुसा दुष्ट कबूतर
मुझे ढिठाई, बेहयाई के फ़ायदे गिनवा सकता है
लड़के के रोने से मैं दुनिया के खिलाफ़ तलवार साध सकती हूँ
लड़की के हँसने पर मेरी रुकी साँस आज़ाद हो जाती है
दोस्त की माफ़ी मुझे फिर से जिला देती है
टटोलने भर से इनमें से कुछ तो हाथ लग ही जाता है
एक और खेल के लिए मैं फिर तैय्यार हो जाती हूँ




First published in Jankipul, 12 Mar 2019.





5 comments:

'एकलव्य' said...

आवश्यक सूचना :

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Modern Kabootar said...

Very important information. thanks a lot. Please checkout my website too.
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Anonymous said...

आपको जानकर बड़ी हैरानी होगी कि इस संसार में एक ऐसी भी किताब है जिसे शैतान ने खुद लिखा है और यह संसार की सबसे बड़ी किताब है।

Amarstory said...

सच्चाई के साथ जिंदगी के अनुभव काबहुत गजब का वर्णन।

bhuwan said...

बढ़िया लिखा है। पढ़ने में मज़ा आया। पड़ते समय मे कल्पना करते हुए वही पहुच गया।

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