डिजिटल दुनिया में सुशोभित हैं अनेकों
कर्मठ समाजसेवी, संवेदनशील कलाकार, निडर लेखक, भावुक शिक्षक,
ज्ञान से लैस, प्रेरणा देते, इंसानियत पर भरोसा कायम रखते,
सब एक से एक अनूठे.
कर्मठ समाजसेवी, संवेदनशील कलाकार, निडर लेखक, भावुक शिक्षक,
ज्ञान से लैस, प्रेरणा देते, इंसानियत पर भरोसा कायम रखते,
सब एक से एक अनूठे.
फिर इनमें से कुछ पधारते हैं इनबौक्स में,
दिखने लगती हैं धीरे-धीरे समानताएँ इनकी
एक बक्स में
बंद एक से चूहे नज़र आते हैं ये,
जिस गुल डब्बे में बने छोटे छेदों से
रोशनी पहुँचती है उन तक
उजागर करती है उनकी सोच
उस छेद के माप की.
दिखने लगती हैं धीरे-धीरे समानताएँ इनकी
एक बक्स में
बंद एक से चूहे नज़र आते हैं ये,
जिस गुल डब्बे में बने छोटे छेदों से
रोशनी पहुँचती है उन तक
उजागर करती है उनकी सोच
उस छेद के माप की.
कुछ अँधेरे कमरे
नेगेटिव को उभार नहीं पाते
पौज़िटिव में,
पर दिखला देते हैं
उनकी एक साफ़ झलक.
नेगेटिव को उभार नहीं पाते
पौज़िटिव में,
पर दिखला देते हैं
उनकी एक साफ़ झलक.
First published in Samalochan, 11 Nov 2017.
No comments:
Post a Comment