Sunday, 19 November 2017

विमार्ग

तुम्हारा नाम दिल में आते ही 
दिल बैठने लग जाता है 
हर एक उस हर्फ के वज़न से 
जो तुम्हें बनाते हैं.
मैं जल्दी से उन्हें उतार नीचे रख देती हूँ,
और तरीके ढूँढ़ती हूँ 
बिना तुमसे नज़रें मिलाए 
तुम्हें पुकारने के,
पन्नोंस्क्रीन और ट्रैफिक के बीच
नाहक कुछ ढूँढ़ते हुए. 
क्योंकि इरादा कर लिया है 
कि तुम मुझे न देख पाओ 
तुम्हें देखने की मशक्कत करते हुए. 
पेचीदा मसला है येतुम्हारा नाम लेना. 
इसमें खतरा हैकहीं पूरी तरह पलट कर 
तुम रूबरू न आ जाओ,
तुम्हें जगह और वक्त न मिल जाए 
मेरी हड़बड़ाई आँखों में देख 
उन सब ख्वाहिशों से वाकिफ होने का 
जिन्हें मैंने आवाज़ दी थी 
जब तुम्हें अपने पास बुलाया था. 

First published in Samalochan, 11 Nov 2017.


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